अगर आप पेट की परेशानी से परेशान हैं तो यह है लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी है। पेट साफ न होने के नुकसान अगर आपका पेट साफ नहीं रहता है तो आपको अनेक प्रकार की बीमारियां हो सकती है जिसमें पेट दर्द फोड़ा फुंसी और सर दर्द जैसी बीमारियां सामान्य बात है। एक पुरानी कहावत है तन चंगा तो कठौती में गंगा सबसे पहले हमारा शरीर अगर स्वस्थ रहता है तो हम किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से कर सकते हैं और अगर हमारा स्वास्थ्य ही खराब रहता है तो हम किसी भी कार्य करने में आलस्य कर जाते हैं जिससे कि हमें भारी नुकसान होने की संभावना होती है इसलिए सबसे पहले हमें शरीर पर ध्यान देना चाहिए शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए वह पेट को साफ रखना चाहिए पेट को साफ रखने से हमें किसी भी बीमारी होने का खतरा नहीं होता है क्योंकि सभी बिमारी पेट से होकर शुरू होती है इसलिए पेट को हमेशा साफ रखना चाहिए ।
पेट खराब होने के कारण:-
(1) पहला पेट खराब होने का प्रमुख कारण समय पर खाना ना खाना।
(2) दूसरा प्रमुख कारण खाना खाते समय जल्दबाजी करना जल्दी-जल्दी खाना खाना।
(3) स्वस्थ व पौष्टिक आहार की कमी के कारण भी पेट खराब हो जाता है।
(4 ) भरपूर नींद ना लेने के कारण पेट पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
(5) बेसन वाली चीजों का ज्यादा सेवन करने से भी पेट खराब हो जाता है।
(6) खराब हो बासी खाना खाने से पेट खराब होता है।
(7) शरीर में पानी की कमी के कारण भी पेट खराब हो जाता है।
(8) चौपाटी व बाजार की चटपटी व तेल की चीजें खाने से भी पेट खराब हो जाता है।
(9) नकारात्मक सोच रखने से भी पेट में खराब हो जाती है।
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पेट को साफ और स्वस्थ रखने के लिए करें यह जरूरी उपाय।
(1) पेट को साफ व स्वस्थ रखने के लिए हमेशा समय पर खाना खाना चाहिए हमें खाना खाने का समय निश्चित रखना चाहिए उसी समय पर हमें रोजाना खाना खाना चाहिए
(2) भोजन धीरे-धीरे चबाना चाहिए,और अच्छी तरह से खाना चाहिए, जब तक खाने के लिए मुंह में तरल नहीं होता है, हमारा पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करता है, यह पेट को साफ रखता है।
(3) पौष्टिक और शुद्ध भोजन लेना चाहिए, जिसमें आवश्यक विटामिन और प्रोटीन होता है, इस वजह से हमारा पेट और शरीर अच्छा बना रहता है।
(4) दैनिक दिनचर्या के लिए हमें छे धंटे की निंद लेना जरूरी है लेकिन एक शोध में यह साबित हुआ है अगर हम आठ घंटे के लिए निंद लेते हैं तो हम अधिक तंदुरुस्त रहते हैं इसलिए हमने हो सके तो 8 घंटे के लिए लेना चाहिए।
(5) आहार में तले और बेसन की मात्रा कम होनी चाहिए, सही मात्रा में इनका सेवन करें। तेल हमारे पेट में हमेशा हानिकारक होता है, यह हमारे पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने से रोकता है।
(7) भोजन करने के थोड़ी देर बाद, हमें धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए, इसे पूरे दिन पीना चाहिए, पानी की कमी के कारण पेट खराब होने की संभावना होती है।
(8) बाजार जाते समय, खाने के लिए हमेशा सही खाद्य पदार्थों का चयन करें और सड़ी और बुरी चीजों से दूर रहें।
(9) हमेशा सकारात्मक सोचे मन को काबू में रखें वह गलत सोच से बचें। क्योंकि इससे हमारा शरीर स्वस्थ व ताजगी महसूस करता है।
पेट की सभी बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक व योग
आयुर्वेदिक:- पेट साफ करने का घरेलू उपाय। यदि आपका पेट साफ नहीं है, तो आप इस घरेलू उपाय का उपयोग कर सकते हैं, पेट साफ करने का चूर्ण कैसे बनाएं सबसे पहले आपको 50 ग्राम जीरा और 50 ग्राम अजवाइन लेना है, इसके बाद आपको इसे तवे पर पकाना है, इसे ठंडा करने के बाद, इसे ठंडा करने के बाद, इसे बारीक बनाना है, फिर इसे खाने के बाद, सोते समय एक चम्मच पानी के साथ लें, आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपका पेट साफ हो जाएगा और आप अधिक ताजा महसूस करने लगेंगे इस विधि में ज्यादा खर्चा भी नहीं आता है, यह घरेलू सामान का उपयोग है, कोई भी इसे कर सकता है।
खाने में नींबू का प्रयोग करें यह हमारे शरीर में से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में सहायक है। यदी आप छाछ व दही का उपयोग करते हैं तो यह आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाएगी।
सुबह उठते ही पेट साफ करने का उपाय। सुबह-सुबह पेट साफ करने में एलोवेरा भी है बेहद उपयोगी। गुनगुना पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और साथ ही बॉडी से टॉक्सिंस को भी बाहर निकालता है। तो सुबह उठकर सबसे पहले खाली पेट गुनगुने पानी पिएं, चाहें तो गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर भी पी सकते हैं। इससे पेट साफ होने के साथ फैट भी कम भी होता है।
योग:- पेट के लिए उदराकर्षणासन योग बहुत ही उपयोगी है इसी को कर के आप पेट से संबंधित बीमारियों को दूर कर सकते हैं उदराकर्षणासन जो कब्ज दूर करने में मददगार है।
पेट साफ करने के योग:- उदराकर्षणासन का तरीका
(1) पहले घुटनों को मोड़ें, दोनों पैरों की एड़ी और पंजों पर बैठें और हाथों को घुटनों पर रखें।
अब गहरी सांस लें, फिर सांस छोड़ते हुए दाएं घुटने को बाएं पंजे के पास जमीन पर टिकाएं और बाएं घुटने को छाती की तरफ दबाएं।
(2) अब गर्दन समेत पूरी बॉडी को बाईं ओर घुमाएं। ऐसी स्थिति में दायाँ घुटना बाएँ पंजे के पास रहेगा।
जितना हो सके आसन को पास रखें, फिर सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में लौट आएं।
(3) दूसरे पैर के साथ भी ऐसा ही करें। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए 6-8 बार इसका अभ्यास करें।
उद्कर्षणासन नियम को करते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
(1) जहां तक आप शरीर को स्ट्रेच करने में सक्षम हैं, बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग करने से जांघ, पैर, घुटने, कमर और कूल्हे में दर्द हो सकता है।
(2) अगर आपके घुटनों या कमर में दर्द है, तो आपको इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए वरना आपका दर्द बढ़ सकता है।